1. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, व सुभद्रा के रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते है क्योंकि ये लकड़ी हल्की होती है। भगवान जगन्नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है और यह अन्य रथों से आकार में भी बड़ा होता है। यह यात्रा में बलभद्र और सुभद्रा के रथ के पीछे होता है।
2. भगवान जगन्नाथ के रथ के कई नाम हैं जैसे- गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष आदि। इस रथ के सारथी का नाम दारुक है।
3. भगवान जगन्नाथ के रथ के घोड़ों का नाम शंख, बलाहक, श्वेत एवं हरिदाशव है, इनका रंग सफ़ेद होता है। रथ के रक्षक पक्षीराज गरुड़ है।
4. भगवान जगन्नाथ के रथ पर हनुमानजी और नृसिंह का प्रतिक चिन्ह होता है। यह स्तम्भ रथ की रक्षा का प्रतिक है।
5. रथ की ध्वजा यानि झंडा त्रिलोक्यवाहिनी कहलाता है। रथ को जिस रस्सी से खींचा जाता है, वह शंखचूड़ नाम से जानी जाती है।
6. भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिए होते है, ऊंचाई साढ़े 13 मीटर होती है। लगभग 1100 मीटर कपडा रथ को ढंकने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
7. बलराम जी के रथ का नाम तालध्वज है। इनके रथ पर महादेवजी का प्रतीक चिन्ह होता है। रथ के रक्षक वासुदेव और सारथी का नाम मताली है।
8. सुभद्रा के रथ का नाम देवदलन है। इनके रथ पर देवी दुर्गा का प्रतीक होता है। रथ के रक्षक जयदुर्गा व सारथी अर्जुन होते है।
9. भगवान जगन्नाथ के रथ के घोड़ों का रंग सफ़ेद, सुभद्रा के रथ के घोड़ों का रंग कॉफी व बलरामजी के रथ के घोड़ों का रंग नीला होता है।
10. भगवान जगन्नाथ के रथ का शिखर लाल-हरा, बलरामजी के रथ का शिखर लाल-पीला व सुभद्राजी के रथ का शिखर लाल-ग्रे रंग का होता है।
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