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जगन्नाथ रथयात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें

1. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, व सुभद्रा के रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते है क्योंकि ये लकड़ी हल्की होती है। भगवान जगन्नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है और यह अन्य रथों से आकार में भी बड़ा होता है। यह यात्रा में बलभद्र और सुभद्रा के रथ के पीछे होता है। जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े 13 रोचक तथ्य 2. भगवान जगन्नाथ के रथ के कई नाम हैं जैसे- गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष आदि। इस रथ के सारथी का नाम दारुक है। 3. भगवान जगन्नाथ के रथ के घोड़ों का नाम शंख, बलाहक, श्वेत एवं हरिदाशव है, इनका रंग सफ़ेद होता है। रथ के रक्षक पक्षीराज गरुड़ है। 4. भगवान जगन्नाथ के रथ पर हनुमानजी और नृसिंह का प्रतिक चिन्ह होता है। यह स्तम्भ रथ की रक्षा का प्रतिक है। 5. रथ की ध्वजा यानि झंडा त्रिलोक्यवाहिनी कहलाता है। रथ को जिस रस्सी से खींचा जाता है, वह शंखचूड़ नाम से जानी जाती है। 6. भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिए होते है, ऊंचाई साढ़े 13 मीटर होती है। लगभग 1100 मीटर कपडा रथ को ढंकने के लिए उपयोग में लाया जाता है। 7. बलराम जी के रथ का नाम तालध्वज है। इनके रथ पर महादेवजी का प्रतीक चिन्ह होता है। रथ के रक्षक वासुदेव और सारथी का नाम म

जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े 13 रोचक तथ्य

1. पुरी की सबसे खास बात तो स्वयं भगवान जगन्नाथ हैं जिनका अनोखा रूप कहीं अन्य स्थान पर देखने को नहीं मिलता है। नीम की लकड़ी से बना इनका विग्रह अपने आप में अद्भुत है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह एक खोल मात्र है। इसके अंदर स्वयं भगवान श्री कृष्ण मौजूद होते हैं। (यह भी पढ़े – जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर दफ़्न है श्रीकृष्ण की मौत से जुड़ा एक राज) जगन्नाथ रथयात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें 2. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लहराता झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में रहता है। 3. तीर्थ में आप कहीं भी हों, मंदिर के ऊपर लगे सुदर्शन चक्र हमेशा सामने ही दिखाई देगा। 4. यह है जगन्नाथ जी का महाप्रसाद। मंदिर में प्रसाद बनाने के लिए सात बर्तन एक दूसरे पर रखा जाते हैं। और प्रसाद लकड़ी जलाकर पकाया जाता है। इस प्रक्रिया में लेकिन सबसे ऊपर के बर्तन का प्रसाद पहले पकता है। 5. समुद्र तट पर दिन में हवा जमीन की तरफ आती है, और शाम के समय इसके विपरीत, लेकिन पुरी में हवा दिन में समुद्र की ओर और रात को मंदिर की ओर बहती है। 6. मुख्य गुंबद की छाया किसी भी समय जमीन पर नहीं पड़ती। 7. मंदिर में कुछ हजार लोगों से लेकर 20 लाख लोग भोज

दिवाली पर क्यों खेलते है जुआ?

जुआ एक ऐसा खेल है जिससे इंसान तो क्या भगवान को भी कई बार भयंकर मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। जुआ, सामाजिक बुराई होकर भी भारतीय मानस में गहरी पैठ बनाए हुए है। ताश के पत्तों से पैसों की बाजी लगाकर खेला जाने वाला खेल भारत में नया नहीं है। बस हर काल में इसके तरीकों में थोड़ा परिवर्तन आता रहा है। जुआ आज खेला जाता है और पहले भी खेला जाता रहा है। आज हम आपको जुए से जुड़े कुछ खास किस्से व समय के साथ आए उसमें परिवर्तन के बारे में आपको बता रहे हैं :- जानिए महिला नागा साधुओं से जुड़े कुछ रोचक तथ्य ★ राजा नल ने गंवाया था अपना सब कुछ महाभारत में राजा नल और दमयंती की कहानी आती है। दोनों में बहुत प्रेम था। नल चक्रवर्ती सम्राट थे। एक बार वे अपने रिश्तेदारों के साथ चौसर खेलने बैठे। सोने की मोहरों पर दांव लगने लगे। राजा नल के रिश्तेदार कपटी थे, सो उन्होंने सारे खजाने के साथ उनका राजपाट, महल, सेना आदि सब जीत लिए। राजा नल की हालत ऐसी हो गई कि उनके पास पूरा तन ढंकने के लिए भी कपड़े नहीं थे। जुए के कारण पूरी धरती पर पहचाना जाने वाला राजा एक ही दिन में रंक हो गया। बाद में अपना राज्य दोबारा पाने के लिए नल को

किन्नर अखाड़ा – जानिए इससे जुडी ख़ास बातें और इसके नियम

किन्नर अखाड़े की महाराष्ट्र पीठाधीश्वर पायल गुरु का कहना है अखाड़ा सिर्फ इसलिए नहीं बनाया गया है कि हम धर्म के क्षेत्र में कोई दखल चाहते हैं, दरअसल इस अखाड़े का मकसद है किन्नरों की छवि को बदलना। शादी और जन्म के मौके पर जो किन्नरों की बधाई टोली चलती है उनको छोड़कर शेष जो किन्नर रेल या अन्य जगहों पर पैसा मांगते हैं या कोई ऐसा काम करते हैं जिससे किन्नरों की छवि खराब होती है, उन लोगों को बदलने के लिए प्रेरित करना इस अखाड़े का मूल उद्देश्य है। किन्नरों से जुड़े 20 रोचक तथ्य ★ किन्नरों के अखाड़े से जुड़े कुछ नियम 1. गुजरात के अहमदाबाद में बहुचरा माता का मंदिर है, जिन्हें मुर्गे वाली माता भी कहते है, ये किन्नरों की कुलदेवी है। किन्नर अखाड़े में भी इनकी पूजा सबसे पहले की जाती है। 2. किन्नर अखाडा द्वारा देशभर में दस मठ बना लिए गए है। इन मठों में पीठाधीश्वरों की नियुक्ति भी हो चुकी है। 3. किन्नर अखाड़े द्वारा गुरु-शिष्य परम्परा के अंतर्गत देशभर के किन्नरों को संत बनाकर अखाड़े से जोड़ा जा रहा है। 4. अखाड़े का दावा है कि अब तक 1 हजार किन्नर दीक्षा ले चुके है और इस आंकड़े को 10 हजार तक पहुंचाया जाना है। 5. किन्न

10 अरबपति जो पहले बहुत गरीब थे।

Kenny Troutt(केनी ट्रॉट)- इनके पिता एक Bar में वेटर थे और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। केनी ट्रॉट अपने कॉलेज के दिनों में लोगों को insurance बीमा बेचकर अपनी फ़ीस भरा करते थे। 1988 में ट्रॉट ने Excel Communications नाम की एक फ़ोन कम्पनी खोली और बहुत तेजी से आगे बढे। आज ट्रॉट की संपत्ति करीब $1.7 billion की है। भगवान परशुराम के जीवन से जुडी रोचक तथ्य Howard Schultz(होवार्ड स्कुल्ट्ज़)- इनका बहुत ही गरीब परिवार में जन्म हुआ जहां दो वक्त का खाना भी बहुत ही मुश्किल से नसीब होता था। ऐसे परिवेश में पले होवार्ड में बचपन से ही बड़ा आदमी बनने की चाह थी। पढाई ख़त्म होने के बाद होवार्ड ने एक Starbucks नाम कॉफी शाप में काम करना शुरू कर दिया। उस समय Starbucks की करीब 60 ब्रांच थी। होवार्ड ने पूरी लगन से मेहनत की और एक दिन उस Starbucks कॉफी शॉप के CEO बने। और दुनियां में करीब 16000 Starbucks की ब्रांच खोलीं। इनकी संपत्ति करीब $2 billion है। Kenneth Langone(केनेथ लांगोने)- केनेथ के पिता एक प्लम्बर थे जो घर घर जाकर लोगों के नल और पाइप की मरम्मत किया करते थे। लेकिन केनेथ को गरीबी से नफरत थी। उन्होंन

Amazing Dates Of 2017

Friends आज मै आपके लिए इस साल के तारीखों का संयोग लेकर आया उम्मीद है आपको पसंद आएगा। 01-01-2017 :- रविवार 02-02-2017 :- रविवार 03-03-2017 :- रविवार 04-04-2017 :- रविवार 05-05-2017 :- रविवार 06-06-2017 :- रविवार 07-07-2017 :- रविवार 08-08-2017 :- रविवार 09-09-2017 :- रविवार 10-10-2017 :- रविवार 11-11-2017 :- रविवार 12-12-2017 :- रविवार So, friends जुड़े रहे gkbudy के साथ । gkbudy your knowledge budy. ★  You may also like :- Updated list of UP cabinet ministers