1. बीजिंग में एक दिन सांस लेने का मतलब है, आपने पी ली 21 सिगरेट
→ चीन की कई तस्वीरों में मास्क पहने लोग दिख जाएंगे। इसकी वजह बेइंतहा पॉल्यूशन है।
चीन की राजधानी बीजिंग में एक दिन तक सांस लेने का हेल्थ पर उतना ही खराब असर पड़ता है, जितना कि एक पैकेट सिगरेट पीने से होता है।
‘ग्रेट चाइना वॉल’ के अलावा यहां का पॉल्यूशन भी स्पेस से नजर आता है।
90 फीसदी चीन के पानी में जहरीले तत्व हैं।
2. यहां ब्रा स्टडीज में भी मिलती है डिग्री
→ आपको जानकर हैरानी होगी कि हांगकांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ब्रा स्टडीज में डिग्री देती है।
चीन की सबसे बड़ी लॉन्जरी मैन्युफैक्चरर ‘टॉप फॉर्म’ की फैक्ट्री में ब्रा लैब भी है।
ये कंपनी हर साल विक्टोरिया सीक्रेट, प्लेटेक्स और मेडनफॉर्म जैसे ब्रांड की 60 मिलियन से ज्यादा इनरवियर्स बनाती है।
3. खाएं जाते है यूरिन में उबले अंडे
→ चीन के बारे में एक कहावत मशहूर है। यहां टेबल-कुर्सी को छोड़कर हर चार पैर वाली चीज खाई जाती है।
यहां वर्जिन लड़कों के यूरिन में उबले अंडे खाए जाते हैं। चीन में ये ट्रेंड हजारों सालों से चला आ रहा है।
इसके लिए लोकल स्कूलों से यूरिन इकट्ठा किया जाता है।
मान्यता है कि इन अंडों को खाने से कमर, पैरों और ज्वाइंट्स में दर्द नहीं होता। साथ ही, इंसान दिनभर एनर्जेटिक बना रहता है।
इसके अलावा यहां कॉकरोच, चूहे, कुत्ते और मगरमच्छ तक खाए जाते हैं।
4. मोबाइल एग्जीक्यूशन वेन में भी दी जाती है सजा-ए मौत
→ चीन की जेलों में इतने कैदी हैं कि मौत की सजा देने के लिए यहां ‘मोबाइल एग्जीक्यूशन’ गाड़ियां हैं।
सेंसरशिप के कारण सजा-ए-मौत पाने वालों की सही संख्या सामने नहीं आती। लेकिन ह्यूमन राइट्स रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर साल हजारों लोगों को मौत की सजा दी जाती है।
यहां ड्रग ट्रैफिकिंग, एडल्ट्री और करप्शन के मामलों में भी मौत की सजा दी जाती है।
कई सालों तक यहां फायरिंग स्क्वाॉड के जरिए कैदी को गोलियों से मारा जाता था, लेकिन अब लेथल (जहरीले) इंजेक्शन का यूज किया जाता है।
5. सोल्जर्स के कॉलर में पिन, ताकि गर्दन रहे सीधी
→ चीन की आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी है। यूएस के बाद सबसे ज्यादा डिफेंस बजट इसका ही है। यह 200 बिलियन डॉलर (13 लाख करोड़ रुपए) है।
चीन की आर्मी सख्त मिलिट्री ट्रेनिंग और एग्रेसिव नेचर के लिए दुनियाभर में चर्चित है।
ट्रेनिंग के दौरान नए सोल्जर्स के कॉलर में पिन लगा दी जाती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उनकी गर्दन सीधी रहे और वे अनुशासित रहें।
डॉग्स के बजाय चीन की आर्मी में बंदर, हंस और कबूतरों को भी ट्रेनिंग दी जाती है।
चीन ने 10,000 से ज्यादा कबूतरों को भी मैसेंजर ट्रेनिंग दी है, ताकि मॉर्डन टेक्नोलॉजी फेल हो जाने पर इनका मैसेज देने के लिए इनका यूज किया जा सके।
6. 10 दिन तक जाम में फंसे रहते है लोग
→ सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होने के कारण यहां गाड़ियों की संख्या भी काफी ज्यादा है।
अगस्त 2010 में यहां के बीजिंग-तिब्बत हाईवे पर सबसे लंबा जाम लगा था।
99 किलोमीटर लंबा ये जाम 10 दिनों तक लगा रहा था। जाम खुलने के 5 दिन बाद ट्रैफिक नॉर्मल हो पाया था।
यहां स्मार्टफोन के आदी लोगों के लिए अलग लेन बनाई गई हैं, ताकि पैदल चलते हुए फोन यूज करने से एक्सीडेंट न हो।
7. यहां आज भी गुफाओं में रहते है 4 करोड़ लोग
→ चीन के शांक्सी प्रांत के यन्नान में करीब 4 करोड़ लोग आज भी अंडरग्राउंड गुफाओं में रहते हैं, जो कि ऑस्ट्रेलिया की आबादी से भी ज्यादा है।
यहीं 1936 में कम्युनिस्ट रिवोल्यूशन की शुरुआत हुई थी।
इन्हें ‘फार्मर्स केव्स’ या ‘याओडोंग्स’ भी कहा जाता है। ये गर्मियों में ठंडी और सर्दियों में गर्म रहती हैं।
करीब 18,000 साल पहले येलो रिवर से पहाड़ों और जमीन में नेचुरल गुफाएं बन गई थीं। 4,000 साल पहले यहां रहने वाले लोग खुद भी गुफाएं बनाने लगे। हालांकि, हजारों सालों में कई नेचुरल गुफाएं नष्ट हो चुकी हैं।
इन गुफाओं में इलेक्ट्रिसिटी और प्लम्बिंग की भी फैसिलिटी है। कई गुफाओं को होटलों और रिजॉर्ट्स में भी बदल दिया गया है।
चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने भी अपनी जिंदगी के कई साल ऐसी ही गुफा में रहकर बिताए थे।
8. शौक के लिए मार डालते है करोड़ो डॉग्स
→ चीन के गुआंग्झी प्रांत के यूलिन शहर में हर साल जून में डॉग मीट फेस्टिवल मनाया जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक, पूरे चीन में 10 से 20 मिलियन डॉग्स हर साल मार दिए जाते हैं।
अकेले मीट फेस्टिवल में ही 10 हजार से ज्यादा डॉग्स मार दिए जाते हैं।
9. वीडियो गेम का इतना एडिक्शन की बच्चों को भेजते है रिहैब सेंटर
→ चीन की कम्युनिस्ट गवर्नमेंट ने फेसबुक, टि्वटर के अलावा एक्स-बॉक्स जैसे गेमिंग कंसोल बैन कर दिए थे। हालांकि, गेमिंग कंसोल्स से जुलाई 2015 में बैन हटा लिया गया।
इंटरनेट और वीडियो गेम के जबरदस्त एडिक्शन के कारण इस पर बैन लगाया गया था।
चीन में इस एडिक्शन से बाहर निकालने के लिए कई रिहैब सेंटर्स चलाए जा रहे हैं।
यहां बच्चों के फिजिकल एक्टिविटीज की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वो गेमिंग की दुनिया से बाहर निकल सकें।
10. डॉग्स को पेंट करके बना देते है टाइगर
→ यहां पालतू जानवरों को पेंट करके टाइगर, पांडा और जेब्रा बनाने का अनोखा ट्रेंड है।
2013 में एक पेंट किया हुआ डॉग चिड़ियाघर में घुस गया था। कई दिनों तक लोग उसे शेर समझते रहे।
11. बनाई जाती है एक साल में 70 ऊँची बिल्डिंग्स
→ ज्यादा आबादी के कारण चीन में पिछले कुछ सालों में कंस्ट्रक्शन काफी तेजी से बढ़ा है।
2011 से 2013 के बीच चीन ने इतने सीमेंट का इस्तेमाल किया, जितना अमेरिका ने पूरी 20वीं सेन्चुरी में नहीं किया।
चीन में औसतन हर पांच दिन में एक स्कायस्क्रैपर बनाया जा रहा है। साल में ये आंकड़ा 70 है।
यहां 15 मेगासिटी हैं और हर मेगासिटी में 10 मिलियन लोग रहते हैं। हालांकि, बावजूद इसके यहां 64 मिलियन घर खाली हैं।
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